A SECRET WEAPON FOR WHAT IS A CHUDAIL IN ENGLISH

A Secret Weapon For what is a chudail in english

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चुडैल की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के सभी लोग अपने अपने घरों से बाहर आ गए और सभी ने चुड़ैल को देखा। चुड़ैल लोगों को देखकर गांव जंगल की तरफ चली गई। 

किसी वक़्त सिर्फ़ एक जाना पहचाना सतरंगी झंडा था, लेकिन आज लहराते रंग-बिरंगे झंडों की कतार है, जो पंसद को लेकर विविधता ज़ाहिर करते हैं.

एक घने जंगल में एक चुड़ैल रहती थी जिसका नाम निशा था। लेकिन निशा बाकी चुड़ैलों की तरह नहीं थी। वह दयालु और मददगार थी। वह हमेशा www sex and the city दूसरों की मदद करना चाहती थी और अपने जादू का उपयोग अच्छे कामों के लिए करती थी। 

रास्ता सुनसान था इसलिए दादा जी ने सोचा कि इस महिला की मदद करना जरूरी है। उन्होंने महिला से पूछा कि वह इस जंगल में अकेले क्या कर रही है। महिला ने कोई जवाब नहीं दिया और जोर-जोर से रोती रही। ऐसा लग रहा था कि सारा जंगल उस महिला के रोने की आवाज से गूंज रहा हो। 

अध्ययन से ज़ाहिर हुआ, " लेस्बियन महिलाओं की तुलना में गे पुरुषों को नापसंद करने वालों की संख्या ज़्यादा थी."

ये एक तरह से ख़ौफ़नाक तजुर्बा भी था. क्योंकि हूँ तो मैं भी मर्द ही.''

महिलाओं के ऑर्गेज़म का पता लगाने वाले एल्गोरिदम पर कंपनी की खिंचाई

यह सवाल कंपा देने वाला था. अदालत सन्न रह गई थी. कोई इस तरह का सवाल कैसे पूछ सकता है! लेकिन यह हैरत का चरम नहीं था. चरम था भंवरी देवी का जवाब. भंवरी देवी बनीं नंदिता दास ने तो जैसे अपने अभिनय के सारे सुर उस एक डायलॉग में लगा दिए थे. वह वकील की ओर थोड़ा सा झुकीं और उसकी आंखों में आंखें डालकर कहा, "जद मेल औरत री मर्जी से होवे, तो पाणी झड़े है, नहीं तो खून बहवे है."

और एक उसकी बहू है. कहानी इन चार महिलाओं के आपसी रिश्तों, सेक्शुऐलिटी और इच्छाओं की कहानी है." तीनों महिलाएं रानी की बहु से किस्से सुनती हैं कि रात कैसे बीती और क्या-क्या हुआ. वे अपनी-अपनी बातें बताती हैं. और एक दूसरे को कहने के लिए उकसाती भी हैं. क्या गांव की औरतें सेक्स पर इतनी सारी बातें कर लेती हैं? चटर्जी कहती हैं, "उल्टा है, जी. वे तो ज्यादा बातें करती हैं. हम लोग जब शूटिंग के दौरान लोगों से बातचीत कर रहे थे तो देखा कि जिस ढंग से वे आपस में बात करती हैं, उसमें गजब का खुलापन है. बाहर एक पितृसत्ता है जिसकी वजह से दमन है. लेकिन औरतों के बीच जिस तरह की बात होती है, वह हम शहर की लड़कियां भी नहीं करती हैं." ऐसा कहते हुए चटर्जी हौले से हंस देती हैं. फिर वह कहती हैं कि वे लोग खुलकर बात करती हैं क्योंकि उनका और कोई आउटलेट नहीं है.

और लड़की बोली, मेरी मां ने दुकान से सामान लेने को भेजा था। तब चुड़ैल बोली, तू चाहे जिसके लिए भी बाहर निकली हो पर मैंने तुझे देख लिया है अब मैं तुझे मार डालूंगी।

पुतले जो आप ही की इज़्ज़त के लिए आप ही की इज़्ज़त में लिपटे रहते हैं."

''किसी को चुप कराना तो आसान चीज़ है. आर्टिस्ट इस नफ़रत की ज़िम्मेदारी नहीं ले सकते. आर्टिस्ट तो एक दूसरे के साथ काम करना चाहते हैं.

तीसरी चुड़ैल ज़ुबैदा (मेहर बानो) हैं जिसे मोहम्मद अली बनना है और जो कहती है कि "जब मैंने हाथों में ग्लव्स पहने होते हैं और मैं मुक्के पे मुक्का मार रही होती हूँ तो ऐसा लगता है जैसे मेरी जान में जान आ गई हो."

''औरतें गालियाँ भी देती हैं, वो हर बात में मुखर भी थी. तो आलोचना तो होनी ही थी.

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